जिलेटिन या गम अरैबिक (gum arabic) E 441 (Gelatine – Emulsifier/Gelling Agent) जानवरों की हड्डियाँ और मांस को उबाल कर बनती है। इसका प्रयोग टूथपेस्ट, जेली, दवा के कैप्सूल, जैम, आइसक्रीम, क्रीम, डिब्बा बंद दूध में होता है।
इसका प्रयोग वजन घटाने वाले भोजन में भी होता है जिससे कि ज्यादा खाने का अनुभव तो हो परन्तु कैलोरी की मात्रा कम निकले।
बेकरी वाले इसका इस्तेमाल “एक्लेयर” बनाने में करते हैं। मिठाई उद्योग में जिलेटिन एक मुख्य पदार्थ है। जिलेटिन का प्रयोग सेब का रस या सिरका जैसी चीजों को साफ़ करने के लिए भी किया जाता है। डिब्बा बंद मांस को संरक्षित करने में भी जिलेटिन का सहारा लिया जाता है। दवाइयों के कैप्सूल और गोलियों के ऊपर इसका लेप होता है। गाय और सूअर की चर्बी से बना जिलेटिन मरीजों को “इंजेक्शन” के तौर पर दिया जाता है, जैसे- खसरा, डीपथीरिया, टिटनस, इन्फ्लुएंजा और रैबीज इत्यादि की वैक्सीन में। इसे खून में प्लाज्मा के प्रतिरूप में भी प्रयोग किया जाता है। नहाने के कैप्सूल, जिनमें तेल होता है और जो पानी में घुल जाते हैं, उनमें भी जिलेटिन का प्रयोग होता है।
पानी में उगने वाली घास, जिसे अगर-अगर कहते हैं, वह जिलेटिन का एक विकल्प है, गुआर गम भी जिलेटिन का विकल्प है लेकिन शायद ही इन विकल्पों का प्रयोग किया जाता हो !
अब सरकार ने इस पदार्थ को अपने आप में एक भोज्य पदार्थ घोषित कर दिया है जिससे अब किसी भी खाद्य में इसको मिलाने से उस खाद्य पदार्थ पर जिलेटिन का उल्लेख करना जरूरी नहीं रहा है।
यानि आप अब पता नहीं लगा सकते कि किसी खाद्य पदार्थ में जिलेटिन है या नहीं !
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