बच्चे के जन्म के बाद भारतीय परिवारों में बच्चे की मां (जच्चा) को हरीरा दिया जाता है यह एक स्वादिष्ट एवं पौष्टिक खाना है. हरीरा में शामिल तत्व जच्चा के लिये अत्यन्त लाभदायक है.
सौंठ जच्चा के शरीर के दर्द को कम करता है हल्दी प्रसव चोट को शीघ्र ठीक करने में मदद करती है. जीरा मां के दूध को बढाता है. गुड़ बादाम और काजू ताकत प्रदान करते है तो आइये आज हम हरीरा बनायें.
- गुड़ को तोड़ कर टुकड़े कर लीजिये, एक बर्तन में गुड़ की मात्रा के बराबर पानी निकालिये. इसमें गुड़ के टुकड़े डाल कर, गुड़ के घुलने तक गरम कीजिये. स्टील जाली की छ्लनी में छान लीजिये.
- कढ़ाई में घी डालकर गरम कीजिये, सोंठ पाउडर, जीरा पाउडर. हल्दी पाउडर, अजवायन पाउडर डालिये, हल्का महक आने तक भूनिये.
- कटे हुये मेवा डालिये और 1-2 मिनिट लगातार चलाते हुये एकदम धीमी गैस पर भून लीजिये. इस भुने मसाले में गुड़ के घोल को डालिये, और उबाल आने के बाद 3-4 मिनिट तक पकने दीजिये या इतना गाढ़ा होने तक पकने दीजिये कि हरीरा को उंगली पर चिपका कर देखें तो वह उंगली पर चिपकना चाहिये.
- लीजिये खुशबू दार हरीरा तैयार है, हरीरा को फ्रिज में रखकर 10- 15 दिन तक खाया जा सकता है. यह गरमा गरम हरीरा जच्चा यानि नई मां एक बार में 3-4 टेबल स्पून खाने के लिये दीजिये, बच्चे के जन्म के बाद, 15 दिन तक यह हरीरा, इतनी ही मात्रा में रोजाना 1 बार या पसन्द के अनुसार 2 बार खाने को दीजिये, ये न्यू मोम को पसन्द आयेगा और उसको स्वस्थ्य होने में मदद करेगा.
- हरीरा इतना ज्याद स्वादिष्ट होता है, कि न्यू मोम के साथ परिवार के सदस्य भी हरीरा खाना पसन्द करते हैं, तो आप सब भी न्यू मोम के साथ हरीरा का स्वाद अवश्य लीजिए.
- सुझाव: हरीरा में मेवा अपने पसन्द के अनुसार डाले जा सकते हैं, जो मेवा पसन्द हो उसे ज्यादा डालें और जो मेवा न पसन्द हो उसे कम कर सकते हैं या हटा सकते हैं. हरीरा में घी की मात्रा भी अधिक (आधा कप घी तक) डाली जा सकती है.
- हरीरा को और अधिक गरम तासीर बनाना चाहते हैं (सर्दी के दिन हों तब 1 छोटी चम्मच पीपर पाउडर ) भी इसी तरह घी मसालों के साथ भून कर डाल सकते हैं.
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