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उकड का मतलब हैं। भाप में या उबलते द्रव में पका। ये चावल के आटे को पानी में पका कर उसमें नारियल व गुड का मिश्रण भर कर भाप में पकाए जाते हैं।
Maharastrian’s speciality हैं। गणेशजी की पूजा में इसका विशेष महत्व होता हैं । ये गणेशजी का प्रिय भोग हैं ऐसा माना जाता हैं। गणेश उत्सव में गणेशजी की स्थापना के समय इन मोदको का भोग लगाया जाता हैं।
उकड़ी चे मोदक
2 कटोरी चावल का अाटा
2 कटोरी पानी
नमक एक चुटकी
1चम्मच घीभरावन के लिये सामग्री
2 कटोरी ताजा नारियल घिसा हुआ (Scrapped)
2 चम्मच मिल्क पावडर
1 व 1/2 कटोरी गुड
1 चम्मच खसखस भूनी हुई
सुखे मेवे आपकी पसंद अनुसार
कढ़ाई में नारियल गुड और मिल्क पाउडर
को तब तक पकाये जब तक वो सूखा ना हो जाये ।
इसमे खसखस और सुखे मेवे मिलाये
मिश्राण ठंडा होने दे
उकड के लिये(बाहरी आवरण के लिये )
एक मोटे तले के बर्तन में पानी व घी उबाले उसमे नमक डालें। उबाल आने पर धीरे धीरे चावल का आटा मिलाये लगातार हिलाते रहे … अच्छे से मिलाये व गैस बंद कर दे और इसे ढ़क कर 10 मी के लिये छोड़ दे …
अब इस मिश्रण को थाली में निकालकर रखें । हाथ लगाने लायक ठंडा होने के बाद हथेली पर थोड़ा घी लगाकर इसे अच्छे से 5 मिनट तक मसले ..ठंडे पानी का हाथ लगाकर भी कर सकते हैं, क्योंकि मिश्राण गर्म होता हैं ; परंतु गर्म ही मलना हैं ठंडा होने पर वो गुठलीदार हो जायेगा।
अब इसकी छोटी गोलीया बनाकर उसे ऊंगलियो से फैलाये उसमे मीठा मिश्राण भरे और चिमटी देते हुएे बंद करे .. एैसे ही सारे मोदक बनाये और उन्हें 10 मिनट भाप में पकाये .. इडली स्टैंड का भी प्रयोग कर सकते हैं । बाहर निकालकर ऊपर से थोड़ा सा घी डाल कर पेश करे ।
* टीप
मिश्रण में पानी कि मात्रा बिल्कुल नहीं होनी चाहिए अन्यथा मोदक टूटकर चाशनी बाहर आ जायेगी। इससे बचने के लिये मिश्रण तैयार होने पर उसमें एक चम्मच चावल का आटा डालकर अच्छे से मिलाये । इससे चावल का आटा सारी नमी सोख लेगा।
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