फरसी पुरी
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फरसी पुरी एक करारी पुरी है जो स्वाद में लाजवाब है। गुजराती में “फरसी” का मतलब करारा होता है और इसलिए इसके नाम के अनुसार यह एकदम करारी (खस्ता) होती है। इसे मैदा, सूजी, काली मिर्च, जीरा और अन्य मसालों से तैयार किया जाता है। पुराने समय में इसे विशेष नाश्ते के रूप में खास तौर पे त्योहारों के दौरान बनाया जाता था। यह पुरी मीठा और खट्टा आम का अचार या चाय और कॉफी के साथ सबसे बढ़िया लगती है।
सामग्री:
•1½ कप मैदा
•3 टेबलस्पून सूजी (रवा)
•1 टेबलस्पून साबुत काली मिर्च
•3 टेबलस्पून घी (बटर) या तेल
•1 टीस्पून जीरा
•तलने के लिए तेल
•नमक स्वादानुसार
विधी :-
■एक परात में मैदा, सूजी, जीरा, 3 टेबलस्पून घी या तेल और नमक ले और अच्छे से मिलाएं।
■आवश्यकता के अनुसार थोड़ा थोड़ा पानी डालें और कड़ा आटा गूंध लें। यह पराठा के आटे या मसाला पुरी के आटे की तुलना में थोड़ा अधिक टाइट होना चाहिए।
■आटे को कपड़े से या थाली से ढँककर 10-15 मिनट तक सेट होने दें। आटे को 2-3 बराबर भागों में बाँट ले और प्रत्येक में से एक लंबा गोल बना लें। उसे चाकू से छोटे छोटे भागों में काटें और प्रत्येक भाग में से लोई बना लें।
■चकले के उपर एक लोई रखे और उसे बेलन से 3-4 इंच व्यास वाली और 3-4 मिमी मोटी पुरी के आकार में बेल लें। बेली हुई पुरी के ऊपर 2-3 साबुत काली मिर्च रखे और उन्हें मूसल से कुचल दें। चाकू या कांटे से पुरी छेद कर ले ताकि तलते वख्त वे फूले नहीं। एक पुरी में 4-5 जगह पर छेद पर्याप्त हैं।
■एक कड़ाही में तलने के लिये तेल गरम करें। जब तेल मध्यम गर्म हो तब उसमे 4-5 पुरी डाले और उन्हें दोनों तरफ हल्के सुनहरे रंग के हो जाने तक और खस्ता (कुरकुरा) होने तक तले। बीच में 1-2 बार जरुरत के अनुसार पूरी को पलटे।
■तली हुई पूरी को एक प्लेट में रखे हुए पेपर नैपकिन के ऊपर निकाले। पुरी थोड़ी ठंडी होने के बाद ज्यादा सुनहरे रंग की हो जायेगी। बाकी की पूरी भी इसी तरह तल ले। कुरकुरी फरसी पुरी तैयार हैं। ठंडी होने के बाद उन्हें एक डिब्बे में भर दे, वे 10-15 दिनों के लिए अच्छी रहती है।
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